ये जीवन क्या है?
प्रभु की माया है,
या कोई विग्यान है?
कभी है खुशी,
दुःख है कभी,
अनेक रूपों वाला,
यह कैसा अद्भुत अहसास है?
कभी है ऐसा लगता,
हर मुकाम पर,
लड़कर जीत को पाने का,
यह जो संघर्ष है,
क्या इसी का नाम जीवन है?
क्या जीवन बचपन की मुस्कान है,
यौवन का रूप है या झुर्री है बुढ़ापे की?
यह जानते हुए कि जाना है सबको,
फिर भी ठोंकरें खाना और संभलना,
क्या यही जीवन है?
मनुष्य आते रहें,
मनुष्य जाते रहें।
इसका अस्तित्व अमर है।
पृथ्वी पर प्रकृति का,
यह कैसा गज़ब करिश्मा है?
आखिर यह जीवन क्या है?
Ananya itni kam umar mein itni badi baaten........ bahut achcha laga padhkar......:)
ReplyDeleteThank you so much ma'am.... :)
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