कई सदियाँ बीत गयी,
इसकी दीवारें अब तक बुलंद हैं,
हज़ारों आंधियां,तूफ़ान, युद्ध देखे हैं इन्होने,
फिर भी ना टस से मस हुई हैं.
वर्षों पहले आये,
एक राओ जोधा की तपस्या और लगन का,
अनेको महावीरों के खून- पसीने का
परिणाम है ये.
माँ की छाया जैसे,
प्रजा की रक्षा करी इस महा दुर्ग ने.
सूर्य का सुनहरा रंग ले कर,
सूर्यनगरी की शान बना है ये.
-------------- 558 glorious years of Jodhpur---------------
(12 May 1459)
इसकी दीवारें अब तक बुलंद हैं,
हज़ारों आंधियां,तूफ़ान, युद्ध देखे हैं इन्होने,
फिर भी ना टस से मस हुई हैं.
वर्षों पहले आये,
एक राओ जोधा की तपस्या और लगन का,
अनेको महावीरों के खून- पसीने का
परिणाम है ये.
माँ की छाया जैसे,
प्रजा की रक्षा करी इस महा दुर्ग ने.
सूर्य का सुनहरा रंग ले कर,
सूर्यनगरी की शान बना है ये.
-------------- 558 glorious years of Jodhpur---------------
(12 May 1459)
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